गेहूंअन सांप शहर में नहीं मिलते


गेहूंअन सांप शहर में नहीं मिलते
गेहूंअन सांप शहर में नहीं मिलते ,
बेचारो की इज्जत नहीं होती यहाँ ,
गली -गली में वजूद की लड़ाई लड़नी पड़ती है ,
क्योंकि यहाँ गली-गली में गेहूंअन से भी विषधर सांप रहते है .
गेहूंअन सांप गाँव में रहते हैं ,
सीधे सपाट लोगो के बीच,
उसका मूल्य,धौस रहता है गांवो,
धमकाते रहता है घूम-घूम कर
और रंज होने पर काट लेता है.
गेहूंअन सांप शहर में नहीं रहते ,
क्योंकि कंक्रीट ,कागज और कारो
के मध्य कोई फाक नहीं बचता ,
उन्हें कोई घर नहीं मिलता ,
जहाँ रह कर वह अपनी पहचान बना सके,
क्योंकि शहर में किरायदारो कि कोई पहचान नहीं होती ,
वे बस जनसँख्या होते है जैसे पशुसंख्या .
गेहूंअन सांप गाँव में रहते है ,
क्योंकि गरीबी,गाली और ज्ञान -हीनता के बीच ,
बड़ी-बड़ी फाके होती है ,
जहाँ वे आराम से रह सकते है