बददुआएं इतनी लिए कब तक जिए , केसे जिए
ऐ दोस्त दम निकल जाये जो मेरा ,आज अचरज ना करना |
साथियों के साथ से जिंदा रहा हू आज तक
साथियों की घात से मर जाऊ अचरज ना करना |
एक भी दुश्मन नहीं है दूर तक इस जिन्दगी में
स्वजनों की हाय से बुझ जाऊ अचरज ना करना |
मेरे चारो और एक आडम्बर लपेटा जा रहा है
हार कर इस कफन को में ओढु तो अचरज न करना |
जिनके कंधो का सहारा था हमारी सोच में
सर उन्ही पैरो तले कुचलाये तो अचरज न करना |
साँस साँस आती है रफ्ता रफ्ता वक्त कट जायेगा ही
डोर कब टूटे रुके कब साँस अचरज न करना |
गलती थी मेरी ही अपना अक्स आईने में देखा
खुद से नफरत जिन्दगी भर की ये अचरज न करना |
ऐ दोस्त दम निकल जाये जो मेरा ,आज अचरज ना करना |
साथियों के साथ से जिंदा रहा हू आज तक
साथियों की घात से मर जाऊ अचरज ना करना |
एक भी दुश्मन नहीं है दूर तक इस जिन्दगी में
स्वजनों की हाय से बुझ जाऊ अचरज ना करना |
मेरे चारो और एक आडम्बर लपेटा जा रहा है
हार कर इस कफन को में ओढु तो अचरज न करना |
जिनके कंधो का सहारा था हमारी सोच में
सर उन्ही पैरो तले कुचलाये तो अचरज न करना |
साँस साँस आती है रफ्ता रफ्ता वक्त कट जायेगा ही
डोर कब टूटे रुके कब साँस अचरज न करना |
गलती थी मेरी ही अपना अक्स आईने में देखा
खुद से नफरत जिन्दगी भर की ये अचरज न करना |