टुकुर-टुकुर नज़रों से पूछे,


टुकुर-टुकुर नज़रों से पूछे,
मुझको भी तो कर लो प्यार,
पैदा होते ही सारा जग हमको,
क्यों देता है दिल से धिक्कार,
गर हम हीं न रहेंगी जग में तो,
नष्ट हो जायेंगे सब घर-परिवार,
न बच्चों की खिलखिलाहट होगी,
न रहेगा खुशियों का पारावार,
जन्म से लेकर यौवन तक,
हम पर क्यों है अत्याचार,
अब जन जन की हो ये पुकार,
बेटी की रक्षा को हो जाओ तैयार !!