कहना है अगर कुछ तो होठों को सीकर मत रहा करो,
जग से जो नहीं कह पाते, मुझसे खुल कर कहा करो.

अपनी तो आदत है जो भी मिल जाए उसको अपना करो,

कुछ मतभेद भी हो जाएँ अगर, तो नज़रंदाज़ किया करो.

बहुत बहुत प्यार !