मित्रो आज अपराध अपनी चरम सीमा में पहुँच गया है ,


मित्रो आज अपराध अपनी चरम सीमा में पहुँच गया है , लेकिन ये गलती की कड़ी मेरे ख्याल से आज की नहीं हमारे पूर्वजों के समय से चली आ रही है , अगर हमारे कृष्ण कनहैया चिर हरण या शुद्ध हिंदी में कहे तो किसी महिला के कपडे सरे आम उतारने की घटना के समय कपडे की थान की बजाये सुदर्शन चक्र लेकर दौड़ते तो ज्यादा अच्छा रहता और अपराध करने वाले इतिहास से थोडा तो सबक लेते की परिणाम क्या हो सकता है ? क्योंकि वे धर्म की रक्षा के लिए महाभारत के सूत्रधार थे अब आप लोगो से पूछना चाहता हूँ की - आज मैंने एक घटना पढ़ी की कुछ मनचले लड़के लड़कियों को मोबाइल में कॉल करके परेशान करते हैं और हर घर की परिस्थिति ऐसी नहीं होती की वो अपने परिवार वालो को इसकी सुचना दे सके आप अपनी राय दे की वो क्या करे इस पोस्ट की सिर्फ like करके न छोड़े क्योंकि अब कोई कृष्ण नहीं आने वाले.