मजाक कैसा?



एक धनी व्यक्ति ने झेन गुरु सेंगाई को कुछ लिख कर देने के लिए कहा जो उसके और उसके परिवार के लिए पीढ़ी-दर-पीढ़ी समृद्धिकारक हो।

सेंगाई ने एक बड़े से कागज़ पर लिखा – “पिता मरता है, बेटा मरता है, पोता मरता है”

यह देखकर धनी व्यक्ति बहुत क्रोधित हुआ। वह बोला – “मैंने आपसे परिवार की खुशहाली के लिए कुछ लिखने को कहा था। ऐसा गन्दा मजाक आप मेरे साथ कैसे कर सकते हैं?”

“यह कोई मजाक नहीं है” – सेंगाई ने कहा – “अगर तुम्हारा बेटा तुम्हारे सामने मर जाए तो यह तुम्हें बहुत दुःख देगा। इसी प्रकार यदि तुम्हारा पोता तुम्हारे जीवित रहते मर जाए तो यह तुम्हें और तुम्हारे पुत्र दोनों को अपार दुःख देगा। जो कुछ मैंने लिखा है, यदि उस तरह से पीढ़ी-दर-पीढ़ी तुम्हारे परिवार में होता जाए तो तुम्हारे परिवार में वास्तविक समृद्धि कायम रहेगी। यही जीवन का प्राकृतिक नियम है।”