सुनामी: प्रलय का दूसरा नाम।


2004 की भयंकर सुनामी की याद है आप सबको ? भूल भी कैसे पाएंगे दो लाख तीस हज़ार लोगों की मौत बनकर जो भयानक प्राकृतिक आपदा आई थी उसे कोई कैसे भूल सकता है?

सुमात्रा टापू के समुद्र तटवर्ती धरती में हलचल के कारण जो भूकंप हुआ था उसी का परिणाम था ये सुनामी सोमवार 25 अक्टूबर को लगभग उसी स्थान पर एक बार फिर से 7.7 मात्रा (magnitude) का भूकंप आया और फिर से सुनामी उठी अभी तक कम से कम 311 लोगों की मौत हो चुकी है और बीस हज़ार से भी ज्यादा लोग बेघर हो चुके है सुमात्रा के दक्षिण में स्थित पगाई उतारा टापू पर 3 मीटर ऊँचे लहरों के चपेट में आकर समुद्र तट स्थित बस्ती जलमग्न हो गई और यह लहर जाने कितने घरों और लोगों को बहा ले गई यह भूकंप समुद्र तल के 20 किमी निचे उत्पन्न हुआ है कई सौ लोगों का कोई अता पता नहीं मिल रहा है माना जा रहा है की शायद ही अब वो जिंदा होंगे

इंडोनेशिया का सबसे सक्रिय ज्वालामुखी माउन्ट मेरापी अक्सर भूकंप का कारण बनता है, क्यूंकि ये ज्वालामुखी Pacific Ring of Fire पर स्थित है   ये Pacific Ring of Fire हमारे धरती के सतह पर स्थित एक ऐसी पट्टी है जो पश्चिमी गोलार्ध में जापान और दक्षिण-पश्चिम एशिया से गुज़रती है मंगलवार तक ज्वालामुखी माउन्ट मेरापी से राख और गैस निकलना शुरू हो चूका था इस गैस के कारण अबतक 30 लोग मारे जा चुक है और 17 लोग घायल हो गए है वैज्ञानिक यह चेतावनी भी दे चुके हैं कि ज्वालामुखी के निचे इस कदर उच्चचाप बन रहा है जो एक बहुत बड़े विस्फोट के रूप में सामने सकता है 2006 में गरम गैस के बहाव से दो लोग मारे गए थे 1994 में 60 लोग और 1930 में इसी ज्वालामुखी के फटने से 1300 लोगों कि मौत हुई थी इंडोनेशिया में 129 सक्रिय ज्वालामुखी है जो 17,500 टापुओं में फैले हुए हैं

आखिर ये सुनामी है क्या ? कैसे मचती है इतनी भयंकर तबाही ?
चलिए आज आप सबको सुनामी के बारे में बताते हैं यहाँ दी गयी जानकारी इन्टरनेट पर विभिन्न जगह उपलब्ध हैं मैं उन सब साइट्स का लिंक भी दे दूंगा, ताकि आप खुद उन साइट्स पर जाकर, ज्यादा विस्तृत जानकारी हासिल कर सकें

सुनामी एक जापानी शब्द है जिसका मतलब है "बंदरगाह की निकटवर्ती लहर" समुद्रतल के नीचे, धरती के उपरी सतह में, अचानक होने वाली तेज हलचल से समुद्र के पानी में बहुत बड़ी लहर उत्पन्न हो सकती है ये बहुत लम्बी और सैकड़ों किलोमीटर चौड़ी लहरें होती हैं, यानी कि लहरों के निचले हिस्सों के बीच का फ़ासला सैकड़ों किलोमीटर का होता है। पर जब ये तट के पास आती हैं, तो लहरों का निचला हिस्सा ज़मीन को छूने लगता है,- इनकी गति कम हो जाती है, और ऊँचाई बढ़ जाती है। गति 400 किलोमीटर प्रति घण्टा तक, और ऊँचाई 10 से 17 मीटर तक या उससे भी ज्यादा हो सकती है यानी खारे पानी की चलती दीवार। ऐसी स्थिति में जब ये तट से टक्कर मारती हैं तो तबाही होती है। पहले के ज़माने में यह सोचा जाता था कि सुनामी बहुत बड़ा ज्वार है, पर यह सच नहीं है ज्वार-भाटा चाँद सूरज और ग्रहों के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से उठता हैं लेकिन सूनामी लहरें इन आम लहरों से अलग होती हैं।
 
सूनामी लहरों की कई वजह हो सकती है पर सबसे ज्यादा असरदार कारण है भूकंप इसके अलावा ज़मीन धंसने, ज्वालामुखी फटने, किसी तरह का विस्फोट होने और कभी-कभी उल्कापात के असर से भी सूनामी लहरें उठती हैं। इसके अलावा कभी कभी बहुत बड़े चक्रवात से भी सुनामी सकती है
 
जब कभी समुद्रतल के निचे, धरती की उपरी परत, में अचानक और तेज हलचल होती है, तो भीषण भूकंप होता है ऐसे में समुद्र अपनी समांतर स्थिति में ऊपर की तरफ बढ़ने लगता है। उस वक़्त जो लहरों का रेला उठना शुरू हो जाता है वो सूनामी लहरें होती हैं   वैसे तो भूकंप से ही ज्यादातर सुनामी पैदा होती है पर ये भी ज़रूरी नहीं कि हर भूकंप से सूनामी लहरें बने इसके लिए भूकंप का केंद्र समुद्र के अंदर या उसके आसपास होना ज़रूरी है। पर सवाल यह है कि भूकंप क्यूँ होते हैं और कहाँ होते हैं इसके लिए हमें पृथ्वी कि संरचना को समझना ज़रूरी है
 
दरअसल धरती की ऊपरी परत फ़ुटबॉल की परतों की तरह आपस में जुड़ी हुई है या कहें कि एक अंडे की तरह से है जिसमें दरारें हों। उपरी सतह से लेकर अन्तर्भाग तक, पृथ्वी, कई परतों में बनी हुई है पृथ्वी की बाहरी सतह (outer surface) कई कठोर खंडों या विवर्तनिक प्लेट में विभाजित है जो क्रमशः कई लाख सालों की अवधी में पूरे सतह से विस्थापित होती है पृथ्वी का आतंरिक सतह एक अपेक्षाकृत ठोस भूपटल (mantle) की मोटी परत से बनी हुई है और सबसे अन्दर होता है एक कोर, जो एक तरल बाहरी कोर और एक ठोस लोहा का आतंरिक कोर (inner core) से बनी हुई है बाहरी सतह के जो विवर्तनिक प्लेट हैं वो बहुत धीरे धीरे गतिमान हैं यह प्लेट आपस में टकराते भी हैं और एक दुसरे से अलग भी होते हैं ऐसी स्थिति में घर्षण के कारण भूखंड या पत्थरों में अचानक दरारें फुट सकती हैं इस अचानक तेज हलचल के कारण जो शक्ति (energy) उत्सर्जित होती है, वही भूकंप के रूप में तबाही मचाती है
सूनामी लहरें समुद्री तट पर भीषण तरीके से हमला करती हैं और जान-माल का बुरी तरह नुक़सान कर सकती है। जिस तरह वैज्ञानिक भूकंप के बारे में भविष्य वाणी नहीं कर सकते वैसे ही सूनामी के बारे में भी अंदाज़ा नहीं लगा सकते। लेकिन सूनामी के अब तक के रिकॉर्ड को देखकर और महाद्वीपों की स्थिति को देखकर वैज्ञानिक कुछ अंदाज़ा लगा सकते हैं। धरती की जो प्लेट्स या परतें जहाँ-जहाँ मिलती है वहाँ के आसपास के समुद्र में सूनामी का ख़तरा ज़्यादा होता है।
2004 में हिंद महासागर में उठी सुनामी से 2,30,000 लोग मारे गए थे कई वैज्ञानिक यह मानते हैं कि शायद इससे भी बड़ी सुनामी सकती है ज़रा सोचिये फिर कितनी तबाही होगी